“लव जिहाद” के मामलों को लेकर उज्जैन में सकल हिंदू समाज का प्रदर्शन, कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन; कर रहे NIA जाँच मांग!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश एक बार फिर चर्चा में है—इस बार मुद्दा बेहद संवेदनशील और गंभीर है। भोपाल, उज्जैन, इंदौर, रीवा, सागर, मुरैना और राजगढ़ जैसे जिलों में हाल ही में सामने आए कथित लव जिहाद के मामलों ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार को उज्जैन में सकल हिंदू समाज ने इन घटनाओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की और प्रदेश में बेटियों के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों को उजागर करने की माँग उठाई। मुख्य माँग थी कि इन मामलों की जांच राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि सीधे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करवाई जाए, ताकि इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुँचा जा सके।
ज्ञापन में दर्ज मामलों की सूची लंबी है—भोपाल के टीआईटी कॉलेज से लेकर इंदौर की टेलीपरफॉर्मेंस कंपनी, उज्जैन के बिछड़ोद गाँव, रीवा का बिछिया थाना क्षेत्र, और सागर, मुरैना, दमोह, राजगढ़ जैसे कई जिलों में कथित तौर पर युवतियों और नाबालिग बच्चियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म छिपाकर, उनके साथ शारीरिक शोषण, ब्लैकमेलिंग और मानसिक यातना की घटनाएं सामने आई हैं।
संगठन का दावा है कि यह कोई सामान्य घटनाएं नहीं हैं—बल्कि इनके पीछे एक सुनियोजित और संगठित आपराधिक नेटवर्क काम कर रहा है, जिसके तार अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। इसी आधार पर संगठन ने स्पष्ट मांग की कि NIA जैसी एजेंसी ही इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच कर सकती है।
ज्ञापन में प्रमुख माँगें ये रहीं:
-
सभी ऐसे मामलों की जांच NIA से कराई जाए, खासकर जहाँ एक से अधिक पीड़िताएं सामने आई हैं।
-
पुलिस की लापरवाही की जाँच हो, और ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाए।
-
सरकार स्वत: संज्ञान ले, क्योंकि कई पीड़िताएं डर और बदनामी के कारण सामने नहीं आ पा रही हैं।
-
संगठित अपराध की धाराएं लगाई जाएं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह एक नेटवर्क आधारित अपराध है।
-
शासकीय व निजी संस्थानों में अनिवार्य पुलिस वेरिफिकेशन हो, जिससे ऐसे आरोपियों की पहचान समय रहते हो सके।
-
और सबसे अहम – दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
ज्ञापन सौंपने के बाद संगठन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये मामले सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि हमारी बेटियों की सुरक्षा और संस्कृति पर हमला है। अगर सरकार समय रहते कठोर कदम नहीं उठाती, तो यह संक्रमण और बढ़ सकता है।
ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया और अपील की गई कि सरकार इस पर जल्द निर्णय ले। “बेटियों के खिलाफ चल रहे इस सुनियोजित षड्यंत्र का जल्द से जल्द पर्दाफाश हो, और दोषियों को ऐसी सजा मिले जो नजीर बन जाए,” यही इस प्रदर्शन का मुख्य स्वर था।